bhairav kavach Secrets
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ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।
एतद् कवचमीशान तव स्नेहात्प्रकाशितम्।
ॐ ह्रीं प्राणापानौ समानं च उदानं व्यानमेव च ।
चतुवर्गप्रदं नित्यं स्वयं देवप्रकाशितम् । (
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कथयामि शृणु प्राज्ञ बटोस्तु कवचं शुभम्
पातु साकलको भ्रातॄन् श्रियं मे सततं गिरः
कालभैरव भगवान शिव के रौद्र अवतार हैं। आदि शंकराचार्य ने काल भैरव अष्टक में भगवान शिव के इस रूप का वर्णन किया है। कालभैरव ब्रह्म कवच कालभैरव का एक शक्तिशाली भजन है। ऐसा कहा जाता है कि इस ढाल का जाप करने से आप जादू-टोने और अन्य शत्रुओं के हमलों से बच जाते हैं।
ಸಂಪ್ರಾಪ್ನೋತಿ ಪ್ರಭಾವಂ ವೈ ಕವಚಸ್ಯಾಸ್ಯ check here ವರ್ಣಿತಮ್